Jan 25, 2012

क्या है मुझसे शिकायते कभी खुल के मुझसे गिला करो
इसी रास्ते कुछ हो गुफ्तगू हो यू ना फासले से मिला करो.
बेजा थी गर मेरी आरजू तेरी बेरुखी भी कम ना थी
इसी हिसाब दारी को मिल दिल की बात बया करो
न पा सकू कोई गम नहीं पर हसरतें होगी कम नहीं
उम्मीद यू ही बनी रहे कुछ ऐसी बात किया करो.

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