90’s के Dudes:
•बाइसिकल पे आटा पिसवाने जाते थे.
•लाइन मे लग के gas (LPG) booking करवाते थे.
•सब्जी लेने नही जाते क्योंकि सब्जी सेलेक्ट करने और भाव लगवाने मे बाप ज़्यादा एक्सपर्ट होते थे.
•हीरो रेंजर साइकल को सलमान ख़ान की तरह लहरा लहरा के धीरे धीरे चलाते थे.
•जिस दिन बाप का प्रिया/बजाज सुपर मिल जाए सारे दोस्तों के घर जाते थे.
•Tuition के बाद गली के कोने पर तक फालतू ही ही करते रहते थे और सब गर्ल्स के चले जाने बाद ही हिलते थे.
•नोट्स रेडी रखते थे ताकि कोई लड़की माँग ले तो माना ना करना परे.
•अपने ही क्लास की भी गर्ल्स को आप कह के बात करते थे.
•Archie's गॅलरी मे 2-2 घंटे तक कार्ड सेलेक्ट करते थे और उस पर 5 कलर के स्केच पेन से msg लिखते….जिसमे 3-4 दोस्त की हेल्प लेते थे
•प्रपोज़ करने के लिए लड़की को लेटर पकड़ाते थे….और डेट्स पे सारे बिल खुद पे करते थे.
•स्टील फ्रेम मे 0.25 पावर के lenses मे दूसरों से ज़्यादा इंटेलिजेंट एपीयर होते थे.
• Highschool (10th) मे first division मार्क्स आते ही IIT और फिर IAS की प्लॅनिंग करते थे.
•ब्लॅंक कॅसेट मे Rs.1.5/song के हिसाब से रोमॅंटिक songs रेकॉर्ड करवाते थे और गर्लफ्रेंड को गिफ्ट करते थे.
•असेंबल्ड stereo (डेक) और साउंड बॉक्सस के साथ perfection की तलाश मे bass treble सेट करते रहते थे . (और झंकार बीट्स कॅसेट प्ले करते थे)
•जीन्स पहनने से बड़ों और टीचर्स की नज़र मे गिर जाते थे.
•फ्रस्ट्रेशन निकालने को..दोस्तों के साथ सिगरेट और कोल्ड ड्रिंक पीते थे
•लाइन मे लग के gas (LPG) booking करवाते थे.
•सब्जी लेने नही जाते क्योंकि सब्जी सेलेक्ट करने और भाव लगवाने मे बाप ज़्यादा एक्सपर्ट होते थे.
•हीरो रेंजर साइकल को सलमान ख़ान की तरह लहरा लहरा के धीरे धीरे चलाते थे.
•जिस दिन बाप का प्रिया/बजाज सुपर मिल जाए सारे दोस्तों के घर जाते थे.
•Tuition के बाद गली के कोने पर तक फालतू ही ही करते रहते थे और सब गर्ल्स के चले जाने बाद ही हिलते थे.
•नोट्स रेडी रखते थे ताकि कोई लड़की माँग ले तो माना ना करना परे.
•अपने ही क्लास की भी गर्ल्स को आप कह के बात करते थे.
•Archie's गॅलरी मे 2-2 घंटे तक कार्ड सेलेक्ट करते थे और उस पर 5 कलर के स्केच पेन से msg लिखते….जिसमे 3-4 दोस्त की हेल्प लेते थे
•प्रपोज़ करने के लिए लड़की को लेटर पकड़ाते थे….और डेट्स पे सारे बिल खुद पे करते थे.
•स्टील फ्रेम मे 0.25 पावर के lenses मे दूसरों से ज़्यादा इंटेलिजेंट एपीयर होते थे.
• Highschool (10th) मे first division मार्क्स आते ही IIT और फिर IAS की प्लॅनिंग करते थे.
•ब्लॅंक कॅसेट मे Rs.1.5/song के हिसाब से रोमॅंटिक songs रेकॉर्ड करवाते थे और गर्लफ्रेंड को गिफ्ट करते थे.
•असेंबल्ड stereo (डेक) और साउंड बॉक्सस के साथ perfection की तलाश मे bass treble सेट करते रहते थे . (और झंकार बीट्स कॅसेट प्ले करते थे)
•जीन्स पहनने से बड़ों और टीचर्स की नज़र मे गिर जाते थे.
•फ्रस्ट्रेशन निकालने को..दोस्तों के साथ सिगरेट और कोल्ड ड्रिंक पीते थे
…..भर आई ना आँखे…ये चूतियापा याद करके……
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