तर है ये लब तुम्हारे अमृत से
हमको सीने में प्यास रखने दो
तुमको हासिल है चाँद औ तारे
हमको आँखों में ख्वाब रखने दो
छोटे छोटे से नन्हे हांथो पे
कंपतों की मिठास रकने दो
माना तालीम जरूरी है मगर
कुछ इक दिन दिल को साफ़ रखने दो
मुझे इस उम्र की संजीदगी से मत बांधो
अभी दिल में नया एहसास रखने दो
गर जो चाहो तो जीत लो दुनिया
गैरमंदो को भी पर कुछ तो आस रखने दो
कही ये याद न आ जाये की मै जिन्दा हू
मय की बोतल मेरे तकिये के पास रखने दो
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